
रवीन्द्र नाथ भैया |
जिला के वारिसलीगंज पुलिस ने मानवता को शर्मसार किया। कानून को ताख पर रखते हुए गिरफ्तार व्यक्ति व बच्चे को अवैध रूप से पॉच दिनों तक हाजत में रखा। इतना नहीं मन भर पीटाई भी की। बंद सभी व्यक्ति व बच्चे खाना के लिये मुहताज रहे।
बताया जाता है कि वारिसलीगंज पुलिस ने गया जिला अंतर्गत वजीरगंज थाना क्षेत्र के ममराचक गॉव निवासी सूरज गुलगुलिया, जहानाबाद जिला अंतर्गत हुलासगेज थाना क्षेत्र के हुलासगंज निवासी सुरजदेव गुलगुलिया, काको थाना क्षेत्र के बीबीपुर निवासी लंगड़ा गुलगुलिया, बादल गुलगुलिया को वारिसलीगंज थाना क्षेत्र से 6 अप्रैल को गिरफतार किया था वहीं नालन्दा जिला अंतर्गत एकंगरसराय निवासी अखलेख मालाकार व उसके पुत्र पंकज कुमार को 7 अप्रैल को एकंगरसराय से गिरफ्तार की। गिरफ्तारी के बाद सभी अभियुक्तों को हाजत में बंद रखा तथा रविवार को रात के अंधेरे में अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया। जहां सभी अभियुक्तों ने पुलिस के द्वारा बर्बरतापूर्ण पीटाई की बात कही। दंडाधिकारी ने जख्मी क जख्म को देखते हुए उचित इलाज कराने का आदेश काराधीक्षक को दिया।
इस सबंध में जेल जाने से पहले सुरजदेव गुलगुलिया ने बताया कि पुलिस इतने दिनों तक हाजत में बंद कर बेरहमी से पीटाई किया। शरीर पर जख्म को दिखाते हुए बताया कि पुलिस ने पीटने के बाद जख्म बाले स्थान पर पेट्रोल उड़ेल कर पीड़ा दिया। जिसे बताना काफी मुश्किल है। मलत्याग के रास्ते में भी पेट्रोल डाले जाने की बातें कही।
कैदी के साथ आये दारोगा विजय कुमार सिहं ने कहा कि पुलिस को यह अधिकार है कि किसी भी कैदी को अनुसंधान के क्रम में इच्छा के अनुसार मनचाहा दिन तक हाजत में रखे। वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकार से किसी भी अभियुक्त के रिमांड के लिये प्रतिनियुक्त अधिवक्ता चदंशेखर प्रसाद ने बताया कि पुलिस ने अपने शक्ति का दुरूपयोग करते हुए मानवाधिकार का हनन किया है। गिरफतारी के चार दिन बाद चार अभियुक्त को तथा दो अभियुक्त को तीन दिन बाद अदालत में पेश किया है।
वहीं दोनो बच्चों को किशोर न्याय परिषद के समक्ष भी रविवार की रात्री प्रस्तुत किया गया। बताया जाता है कि वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के दौलत पुर निवासी सौरव कुमार के घर में 3 अप्रैल की रात्री चोरी की घटना हुई थी। जिसमें कई मोबाईल, अटैची, 31 हजार नगद व जेवरात की चोरी हुई थीं । घटना के बाबत वारिसरगंज थाना में कांड संख्या- 140/22 अज्ञात के विरूद्ध 04 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।