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कभी आपदा विभाग ने किया था सम्मानित, अब खा रहे हैं जेल की हवा – नवादा |

कहीं पर किसी और के इशारे पर तो नहीं हुई कार्रवाई?

रवीन्द्र नाथ भैया |

बिहार के कश्मीर कहे जाने वाले ककोलत की रूपरेखा बदलने वाले केयरटेकर के रूप में कार्य करने वाले यमुना पासवान आज जेल का हवा की खा रहे हैं। ककोलत जलप्रपात की देखरेख 35 साल से जमुना पासवान कर रहे थे। आने वाले सैलानियों की हर सुख सुविधा से लेकर सुरक्षा तक जिम्मवारी उन्होंने अपने कंधे पर उठा रखी थी.
उन्होंने पूर्व में बताया था कि उनके दादा ककोलत को बेहतर बनाने का प्रयास किया था. यहां सैलानियों को आने को लेकर जागरूक करते थे। बावजूद लोग यहां भयवश नहीं आते थे। दादा के निधन के बाद यमुना पासवान ने ककोलत की देखरेख का जिम्मा लिया. बाढ़ की स्थिति में नहाने के दौरान लोगों को डूबने से बचाने का कार्य किया। इसी कार्य के लिए वर्ष 2019 को आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव के द्वारा पटना में यमुना पासवान को सम्मानित किया गया था।
अवैध वसूली का लगा आरोप:-
लोगों की जान बचाने वाले को सोमवार को प्रशासन ने गिरफ्तार कर अवैध पार्किंग वसूली के नाम पर जेल भेज दिया । ककोलत जलप्रपात वाहनों से आने वाले सैलानियों से पार्किंग के नाम पर हो रहे अवैध वसूली की खेल को रविवार को एसडीओ आदित्य कुमार पीयूष ने उजागर कर दिया। एसडीओ ने कार्रवाई करते हुए पार्किंग के नाम पर सैलानियों से अवैध वसूली करने वाले 2 लोगों को गिरफ्तार किया और पांच वॉल्यूम रसीद को जब्त किया।
ककोलत जलप्रपात आने वाले सैलानियों से अवैध तरीके से गाड़ी पार्किंग के नाम पर वर्षों से मोटी रकम वसूली जा रही थी। सालों तक काम करने के कारण कोई भी उनका विरोध नहीं करता था।

कार्रवाई का विरोध:-
स्थानीय दुकानदारों के द्वारा एक दिन दुकान भी बंद रखा गया । स्थानीय लोग कहते हैं कि अगर यमुना पासवान यहां नहीं रहते तो यहां की साफ-सफाई यहां की देखरेख कोई भी नहीं करता और यहां पर लगभग 30 से 35 हजार की सैलानियों की भीड़ प्रतिदिन नहीं आती। लड़ाई झगड़ा मारपीट की नौबत भी यहां पर एक दूसरे में जब आता है तो यमुना पासवान ही मोर्चा संभालते हुए लोगों को शांत कराते हैं और यहां किसी प्रकार से माहौल को बिगड़ने नहीं देते ।


ऐसे में उन्हें यहां से हटाने के लिए यह साजिश रची गई है, ताकि उनकी जगह किसी दूसरे को यहां नियुक्त किया जा सके।
कई लोगों की लगी है नजर:-
ककोलत जलप्रपात में कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे थे और उन्होंने इसकी जमकर तारीफ की थी। साथ ही यहां पर्यटन की संभावना को बढ़ावा देने की बात कही थी। माना जा रहा है सीएम के दौरे के बाद से ककोलत जलप्रपात पर कई लोगों की नजर लग गई है और किसी न किसी तरह से पुराने लोगों को यहां से हटाने की साजिश आरंभ कर दी गयी है. प्रशासन मोहरा बन ढाल का काम कर रही है. ऐसे में सैलानियों की सुरक्षा भगवान भरोसे हो गयी है.

गौरतलब हो कि यमुना पासवान वर्षों से अपने लड़कों के साथ मिलकर ककोलत जलप्रपात में आने वाले सैलानियों को सुरक्षा प्रदान करते आ रहे थे।

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