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जी हां? झूठी कसम खायी तो भुगतनी होगी जीवन भर सजा – नवादा |

ये है पिरौटा सूर्य मंदिर का प्रभाव

रवीन्द्र नाथ भैया |

जिले के अकबरपुर प्रखण्ड मुख्यालय से 500 मीटर आगे अकबरपुर – ककोलत पथ पर उतर पिरौटा गांव से बाहर एक सूर्य मंदिर व बड़ा पुराना तालाब है ।उक्त स्थान पर एक बड़े सूर्य मंदिर का निर्माण गांव के ही स्व. साधु शरण सिंह ने भिक्षाटन कर कराया था।
कहते हैं कालांतर में बड़े पैमाने पर नागा साधुओं का आगमन उक्त तालाब पर हुआ था। तब ग्यारह पुत्रों के पिता रहे दंपति स्व. निहाल सिंह ने ने उनकी काफी आवभगत की थी। आवभगत से खुश नागाओं ने उनसे कुछ मांगने का आग्रह किया था। उन्होंने सभी पुत्रों को संतान से रहित रहने का आशीर्वाद मांगा। यह सुनकर नागा साधुओं को काफी आश्चर्य हुआ तथा पूछा ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि आज आपकी मैंने सेवा की आप खुश हुये, मेरे मरने के बाद मेरा पुत्र ऐसा नहीं करेगा तो उसे श्राप का भागी होना पड़ेगा। इससे अच्छा वह‌ नि: संतान रहे।
कुछ ही अंतराल पर उनके एक एक पुत्रों की मौत के बाद उसी तालाब में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
तब से जो भी उक्त तालाब में झूठी कसम खायी उसे आजीवन सजा भुगताना तय है। कुहिला के की लोग इसके ज्वलंत उदाहरण हैं जो नि: संतान हैं।
दूसरी ओर उक्त तालाब में स्नान कर जो नि: संतान दंपति सूर्य मंदिर में पूजा करते हैं उनके आंगन में किलकारियां गूंजने लगती है। इसलिए छठ पूजा के मौके पर यहां हजारों की भीड़ जुटती है तो प्रत्येक रविवार को कुष्ठ रोगी तालाब में स्नान कर कंचन कर कंचन काया की कामना करते हैं।
इससे इतर ग्रामीण आने वाले श्रद्धालुओं की आवभगत से बाज नहीं आते। फिलहाल ग्रामीणों द्वारा छठ के मौके पर आने वाले श्रद्धालुओं की आवभगत में लगे हैं। मंदिरों की सफाई से लेकर रौशनी की समुचित व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
जापानी महिला का हुआ है आगमन। इस क्रम में कई जापानी महिला यहां आकर आराधना करने से संतान सुख का लाभ पा चुकी है।

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