श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, उप विकास आयुक्त नालन्दा की अध्यक्षता मे सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, नालन्दा की बैठक की गई – नालंदा |

बिहार शरीफ : श्रीकांत कुंडलिक खांडेकर, उप विकास आयुक्त महोदय, नालन्दा कि अध्यक्ष्ता में जिला नालन्दा अन्तर्गत जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, आई०सी०डी०एस०, नालन्दा एवं सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, नालन्दा की बैठक की गई।
समीक्षा के क्रम में आई०सी०डी०एस० अन्तर्गत संचालित योजनाऐं एवं रिक्तियों की विस्तृत चर्चा की गई। विभिन्न स्तरों पर नियोजन कि स्थिति कि जानकारी ले कर अग्रेतर कार्रवाई हेतु निदेश दिया गया। सेवान्त लाभ के दो मामले बिहारशरीफ ग्रामीण एवं सरमेरा में लंबित हैं, जिसके निष्पादन हेतु निदेश दिया गया है। एक एल०पी०ए० का मामला हरनौत में लंबित है। जिसका अविलंब कार्रवाई का निदेश दिया गया है तथा हरनौत बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि एस०ओ०एफ० तैयार कर अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है। ऑ० केन्द्र निरीक्षण पर जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिका को लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने का आदेश दिया गया है। मनरेगा के अभिसरण से ऑ० केन्द्र भवन निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता लक्ष्य के अनुरूप उपलब्ध कराने का निदेश देते हुए उप विकास आयुक्त महोदय द्वारा कहा गया कि इस पर अविलंब कार्य कराया जाना है। अंचलाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर निर्माण योग्य भूमि उपलब्ध करायें और जहाँ-जहाँ मनरेगा द्वारा बनाये गये आंगनबाड़ी केन्द्र भवन हस्तगत नहीं हुआ है। उसे देखकर अविलंब हस्तगत करवाना सुनिश्चित करेंगे। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में कुछ प्रखण्ड यथा सिलाव परवलपुर, बिहारशरीफ सदर द्वारा अच्छी प्रगति की गयी है तथा बेन, करायपरसुराय, इसलामपुर, एकंगरसराय, थरथरी, चण्डी इत्यादी में उपलब्धी संतोषप्रद नहीं है। संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी हर हाल में अपने कार्यों में सुधार करें और सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी PMMVY का ससमय लक्ष्य पुरा करें। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना में 0 से 1 वर्ष का लक्ष्य पुरा है फिर मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना एक से दो वर्ष की बच्चियों की प्रगति संतोषप्रद नहीं है।
अतः जिन बच्चियों का आधार बना हुआ है उन्हें चिन्हित कर MKUY का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। पोषण ट्रैकर के भी विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की गई तथा सभी लाभुकों के ग्रोथ मोनेट्रिंग, पोषाहार यथा HMT/THR इत्यादि पर सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सत प्रतिशत उपलब्धी सुनिश्चित करें तथा पोषण ट्रैकर एप का नियमित अनुश्रवण करें। केन्द्रों पर जो मूलभूत सुविधा है यथा पेयजल, शौचालय इत्यादि कि समीक्षा करके ऑ० केन्द्रों पर शौचालय के नये निर्माण एवं मरमती की स्थिति को गुगलशीट पर जियो टैगिंग के साथ 02 दिनों के अन्दर अपलोड कराने का निदेश दिया गया है। ताकि शौचालय निर्माण कार्य कराया जा सके।