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वाह डीएम साहब! अधिकारियों ने आपकी आंखों में भी डाल दिया धूल? – नवादा |

मामला शिक्षा विभाग में बीईओ के रिक्त पदों पर प्रभारी नियुक्ति में फर्जीवाड़ा में

नवादा : जिले के अधिकारियों द्वारा डीएम की आंखों में धूल झोंककर वैसा कार्य कराया जा रहा है जिसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। इसी प्रकार का एक मामला शिक्षा विभाग में बीईओ के रिक्त पदों प्रभार सौंपने का सामने आया है। वैसे बता दें डीएम की आंखों में धूल झोंकने का काम जिला सहकारिता पदाधिकारी ने किया है।
शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ ने डीएम को पत्र लिखकर जिले के विभिन्न प्रखंडों में रिक्त बीईओ के पदों पर प्रखंड में कार्यरत पर्वक्षकीय पदाधिकारियों की नियुक्ति का निर्देश दिया था। निर्देश के आलोक में जिला सहकारिता पदाधिकारी से प्रखंडों में कार्यरत प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी की सूची की‌ मांग की थी।
देखिये कैसे हुआ फर्जीवाड़ा:- जिला सहकारिता पदाधिकारी ने सदर प्रखंड के लिए वैसे प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी की सूची भेज दी जिनकी कभी सदर प्रखंड में नियुक्ति हुई ही नहीं। जबकि पूर्व से सदर प्रखंड में एक नहीं दो दो प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी कार्यरत हैं।
आश्चर्य तो यह कि डीसीओ की अनुसंशा के आलोक में जिला पदाधिकारी व जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रतिनियुक्ति पर अपनी मुहर लगा दी।
आदेश निर्गत होते ही बाजार में फर्जीवाड़े की चर्चा का बाजार गर्म हो गया तो डीएम की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। हांलांकि यह सत्य है डीएम ने ऐसा जानबूझकर नहीं किया लेकिन यह भी सत्य है कि अधिकारियों ने उनकी आंखों में धूल झोंकने का काम किया जिसकी चर्चा मैं हमेशा करता आ रहा हूं। मनरेगा में लूट की खुली छूट तक डीएम को दिखाई नहीं देती। फिर अधिकारियों द्वारा आंखों में धूल झोंक मोटी कमाई की जा रही है।
जब जिले में फर्जीवाड़ा का खेल हो तो फिर प्रशासन को आइना दिखाने से चूकना भी तो अपराध है सो प्रमाण के साथ आइना दिखाने की जिम्मेदारी भी अपनी तो बनती ही है।
फिर जिले के आरटीआई कार्यकर्ता प्रणव कुमार चर्चिल भी चुप रहने वाले नहीं हैं। उन्होंने भी अपनी ओर से कार्रवाई आरंभ कर दी है।

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