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आत्मिक संघर्ष की कहानी है “मरणोपरांत”:- राजेश राजा – पटना |

आत्मिक संघर्ष की कहानी है “मरणोपरांत”:- राजेश राजा
पटना,पिछले 12 वर्षों से रंगकर्म के क्षेत्र में सक्रिय पटना की नाट्य संस्था विश्वा दो दिवसीय नाट्य महोत्सव ‘विश्वोत्सव 2024-25’ का आयोजन कर रही है, जिसमे आज संध्या 6:30 बजे, रंग मार्च स्टूडियो, एस. पी. वर्मा रोड, पटना में सुरेन्द्र वर्मा लिखित नाटक “ मरणोपरांत “ की प्रस्तुति की गई, जिसका निर्देशन राजेश राजा ने किया।”मरणोपरांत नाटक एक आत्मिक और मानसिक संघर्ष की गहरी दुनिया में जाती है ।

यह कहानी एक पति और उसकी पत्नी के प्रेमी के मानसिक संघर्ष पर आधारित है, जब उसकी पत्नी की मौत एक दुर्घटना से हो जाता है। यह नाटक प्रेम, विश्वास, और आत्मविश्वास के संघर्ष को दर्शाती है, जिसमें पति का दर्द और उसके पत्नी के प्रेमी का आत्म-संघर्ष जीवंत हो जाता है।मरणोपरांत एक मानसिक व्यक्तिगत यात्रा का परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत करता है, जो हमें आपसी संबंधों और आत्म-समझौते के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने के लिए इच्छुक करता है। यह नाटक भावनाओं का संघर्ष और मानसिक उबाल का अद्वितीय और गहरा दृश्य है, जो वास्तविकता के साथ झूमता है।मंच पर पंकज प्रभात एवं ऋषि गौतम हैं, जबकि मंच परे प्रकाश परिकल्पना : राजीव रॉय,
पार्श्व ध्वनि : राहुल आर्यन,रूप सज्जा : तन्नु आश्मी,वस्त्र विन्यास : पंकज कुमार तिवारी एवं संजीव कुमार,मंच निर्माण : सुनील जी ,सहयोग : दीपक कुमार
मंच व्यवस्था : पंकज प्रभात एवं ऋषि गौतम,पूर्वाभ्यास प्रभारी : शशांक शेखर एवं अभिषेक मेहता,प्रस्तुति : विश्वा, पटना,लेखक : सुरेन्द्र वर्मानिर्देशन : राजेश राजा का है।अंत में नाट्य संस्था रंग मार्च एवं पटना के तमाम रंगकर्मियों एवं मीडिया कर्मीयों को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

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